शहर में सामान्य दिनों में जिन चौक चौराहों से ढ़ाई लाख से ज्यादा गाड़ियां गुजरती हैं, लेकिन लॉकडाउन-2 के दूसरे दिन यानी गुरुवार को सड़कों पर गाड़ियां लेकर उतरे लोगों ने उल्लंघन के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। पहली तालाबंदी के 21 दिनों में भी वाहनों की संख्या कभी भी लाख के पार नहीं पहुंची। लिहाजा ये आंकड़ा पूरे शहर के लिए गंभीर चिंता करने के लिए भी है क्योंकि 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में मिलने वाली छूट केवल और केवल शहरवासियों के जिम्मेदारी भरे बर्ताव पर ही निर्भर करने वाली है।
इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम दक्ष के कमांड सेंटर में दिन भर वॉर रूम में जिला पुलिस और नगर प्रशासन के आला अधिकारी भी इस तरह के उल्लंघन को लेकर काफी चिंता में दिखे। दरअसल, आज से शहर में तीन दिन के लिए कंपलीट लॉकडाउन लागू हो रहा है। इसके पहले कल बगैर काम के भी लोग केवल तफरी के लिए घरों से निकले। इस दौरान ट्रैफिक नियम भी बेफिक्री से तोड़े गए। लॉकडाउन पार्ट वन और भाग दो में अभी तक किसी भी दिन सड़कों पर एक साथ एक लाख से ज्यादा गाड़ियां नहीं देखी गई। लॉकडाउन के पहले 21 दिन के आंकड़ों के मुताबिक दिन भर में औसतन पचास हजार से ज्यादा गाड़ियों की आवाजाही थी। इस लिहाज से पहली बार दो गुना से ज्यादा वाहन इन चौक चौराहों पर देखे गए।
ट्रैफिक के नियम भी तोड़े गए दक्ष में एक-एक नंबर नोट
ट्रिपल सवारी, बिना हेलमेट, रांग साइड गाड़ी चलाने के मामले भी इस दौरान इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट के सिस्टम में गाड़ियों के नंबर के साथ दर्ज हो गए हैं। जिन पर पुलिस आने वाले दिनों में कार्रवाई भी कर सकती है। 17 चौक चौराहों में तात्यापारा चौक, अशोका टॉवर, जयस्तंभ , तेलीबांधा, फाफाडीह, कालीबाड़ी, भगत सिंह चौक जैसे इलाकों में हजारों की तादाद में देखी गई। पूरे शहर में केवल वीआईपी तिराहा ही वो जगह थी जहां पूरे दिन में गाड़ियों का मीटर एक हजार भी नहीं पहुंचा।
सामान्य दिनों में गुजरती हैं बीस हजार से ज्यादा गाड़ियां
दक्ष सिस्टम के सॉफ्टवेयर एनालिसिस के मुताबिक तात्यापारा, तेलीबांधा, अशोका टॉवर, फाफाडीह कालीबाड़ी भगत सिंह जैसे चौक चौराहों पर आम दिनों में पीक अवर्स में यानी दफ्तर की टाइमिंग में सुबह आने और जाने के बाद औसतन बीस हजार से ज्यादा गाड़ियां प्रति चौराहे गुजरती है। इस हिसाब से इन चौराहों पर रोजाना दिनभर में सुबह सात से रात आठ के बीच तकरीबन ढ़ाई लाख से ज्यादा गाड़ियों का फ्लो होता है। तीज त्योहारों के मौकों पर ये फ्लो तीन लाख से भी ज्यादा बढ़ जाता है।