राजधानी में विदेश या अन्य राज्यों और शहर से आने की जानकारी छिपाने वालों को जद में लाने के लिए अब दस लोगों की टीम के सामने रोजाना एक हजार कॉल करने पड़ेंगे। इतना ही नहीं, क्वारेंटाइन में रहने वालों की सेहत पर नजर रखने के लिए रोजाना किए जाने वाले कॉल इसमें शामिल नहीं है। इस मुश्किल को दूर करने के लिए केवल फोन कॉलिंग ही नहीं हाईटेक तकनीकों का सहारा भी लिया जा रहा है। क्योंकि सर्विलांस के राडार पर अब तक नहीं आए ज्यादातर ऐसे लोगों ने जानकारियां पूरी तरह सही नहीं दी। यही नहीं अब इनसे जुड़े पुराने रिकॉर्ड और परिचितों को भी ढूंढ़कर फोन लगाए जा रहे हैं। ताकि इनके सही पते ठिकाने मिल सके।
650 से ज्यादा लोगों का क्वारैंटाइन पूरा हो चुका
इस बीच, राहत की बात है कि रायपुर में विदेश से आने वाले साढ़े छह सौ से ज्यादा के क्वारेंटाइन पीरियड पूरा हो चुका है। आने वाली 20 अप्रैल तक तकरीबन 250 और लोगों के क्वारेंटाइन की मियाद पूरी हो जाएगी। हालांकि तय गाइडलाइंस के मुताबिक क्वारेंटाइन पूरा करने वाले लोगों की सेहत पर आगे भी कुछ दिनों तक फोन कॉलिंग के जरिए नजर रखी जाएगी। रायपुर में पांच पॉजिटिव केसों के ठीक होने के बाद अभी तक नया मरीज नहीं आया है। मार्च के महीने में विदेश से आने वाले पचास से सत्तर लोगों के टेस्ट हर दिन किए गए। इसमें ऐसे लोग जो मार्च से पहले आए और उन्होंने कोरोना जैसे लक्षण बताएं उनके भी टेस्ट किए गए। बहुत से लोगों के टेस्ट हेल्थ विभाग की टीम ने घर जाकर भी किए।
अभी हो रहे रोजाना15 से 20 टेस्ट
जिला प्रशासन के द्वारा नियुक्त की गई हेल्थ विभाग की टीम अभी भी हर दिन पंद्रह से बीस टेस्ट या तो खुद कर रही है या निर्धारित स्थानों पर करवा रही है। घर जाकर कोविड टेस्ट करने वाली टीम में दो सदस्य रहते हैं। एक शख्स रिकॉर्ड एंट्री का काम करता है, जबकि दूसरा लैब टेस्ट के लिए सैंपल लेता है। ये टीम भी प्रोटेक्शन किट पहनकर ही घर तक जाती है।
104 हेल्पलाइन से मिलती है जानकारी
जिला प्रशासन के पास विदेश या बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी हेल्पलाइन 104 के अलावा सीधे अफसरों के पास कॉलिंग के जरिए भी जा रही है। इसमें निगम प्रशासन की हेल्पलाइन के जरिए भी सूचनाएं जाती है। हालांकि अभी भी पूरे रायपुर जिलें में तकरीबन दस हजार लोगों की जानकारियां मिल नहीं पाई है। इसमें विदेश से आने वाले साठ लोग भी हैं।
प्रवासियों की जानकारी में सबसे ज्यादा दिक्कत
दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, इंदौर, नागपुर, भोपाल जैसे शहरों और केरल से मार्च के दौरान आने वालों की जानकारी जुटाने में अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी कहते हैं चूंकि रायपुर एक बड़ा शहर है, यहां कई राज्यों के लोग रहते हैं इसलिए 10 मार्च के बाद कम से कम दस हजार लोगों के आने का मोटा अनुमान है। अभी तक साढ़े उन्नीस सौ लोगों की जानकारी सूची बद्ध की गई है।
प्रवासियों की शहरवार जानकारी फिल्टर नहीं
बाहरी राज्यों और अन्य शहरों से आने वाले साढ़े उन्नीस सौ से ज्यादा लोगों का डाटा अभी तक शहर वार या राज्यवार नहीं बन पाया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पांच केस के बाद शहर में नया केस नहीं मिलना बड़ी राहत है। क्वारेंटाइन में रह रहे ज्यादातर लोगों के टेस्ट भी हो चुके हैं।